Friday, 4 July 2014

पहली मुलाक़ात मे आंटी की चुदाई

हीदोस्तो कैसे होआप सभी?? मईराहुल आज पहलीबार आप लोगोके सामने हाजिरहू अपनी लाइफकी 1 सच्ची घटनालेकर जिसने मुझेपहली बार सेक्सका मज़ा दिया,,और उसकेबाद से मैंसेक्स के लिएपागल हो चुकाहू इसलिए अपनीकहानी आप लोगोके साथ शेरकरने आया हू..

बातउन दीनो कीहै जब 1 बारमई कुच्छ दीनो लिए देल्हीगया था च्छुतियाबिताने.देल्ही मे मेरीबहुत दूर की1 रिलेटिव रहती थीजो सयद रिश्तेमे मेरी चाचीलगती थी.इनफॅक्टमुझे उनके बारेमे कुछ टानही था,जबघर वालो नेब्टाया तब टाचला की मुझेउनके यहा जानाहै. मई पहलीबार देल्ही जारहा था इसलिएमैने भी सोचायही ठीक रहेगा,उस आंटीसे मैने 1 बारफोन पे बातकी और कुछदीनो बाद मेदेल्ही गया.

मईपहली बार देल्हीआया था इसीलिए जब मेस्टेशन पे उतरातो आंटी मूज़ेलेने के लिएआई थी.मेजेसे उनको मिलातो उसने मूज़ेगले से लगाया. मेरा शार उसकेदोनो सेक्सी चूंचीमे ड्गाज़ गयाथा.मुझे अजीबसा लगा कीपहली बार मेकोई ऐसे क्रटाहै क्या??फिरमैने जब उसेध्यान से देखातो क्या ब्टौ,गजब कीसेक्सी थी.नादुबली तीन पतली थी,बरीचुछ और उसेभी बरी गंद,,लॅडीस या लड़कियोको देखते हीसबसे पहले मईयही देखता हूइसलिए आंटी मुझेबरी मस्त लगीऔर उसका मुझेइस तरह सेगले लगाना,मईमान ही मानटा नही क्यूखुश हो रहाथा.

खैर,उसकी कारमे बेत करहुमलोग घर आए. उसने कहा तुम्हारेअंकल कुछ दीनोके लिए बाहरगये हे इसलिएसिर्फ़ हुंदोनो ही हैयहा ..मैने बोलाकोई बात नहीआंटी.वैसे भीमई तो देल्हीघूमने आया हू.आप हीघुमा देना.उसनेभी कहा हायही अच्छा रहेगा.

उसनेमूज़े फ्रेश होनेको कहा.मैनेपहली बार इतनाबड़ा बातरूम देखाथा उसमे आंटीकी एक पेंटीथी शायद आजसुअबह उसने येपेंटी निकली थी.मई मौकादेखकर उसको सूंघनेलगा मेरा लंडखड़ा हो रहाथा.बीटी मैनेकंट्रोल किया. फिर मेखाने के बादसो गया औरशाम को दोनोसिटी मे घूमनेके लिए गये,रत मे खानाखाने बादसोते समय उसनेमूज़े एक गोलीदी और कहाइसे खलो तकगये होगे अच्छीनींद आएगी. मेनेगोली ले लीथोड़ी देर मेमेरे शरीर मेगर्मी होने लगीऔर मेरा लंडखड़ा होने लगा.उसने मूज़ेनाइट ड्रेस मेसिर्फ़ एक शॉर्टनाइलॉन हाफ पेंटऔर शर्टदिया था.मुझेसमझ नही रहा था मेरालंड अचानक खराक्यू हो रहाहै.बीटी मईसोने लिएदूसरे रूम मे गया.बीटीमुझे तो नींदही नही रही थी.फिरमेरी समझ मेआया कही इसनेमुझे सेक्स कीगोली तो नहीदे दी.येसोचते ही मईचुपचाप उसके रूमकी तरफ आया.तो देखावो सो रहीथी.ये देखके मई उदासहो गया औरसोचने लगा कीक्या करू?

उसकेपास जाने कीमेरी हिम्मत तोहो नही रहीथी और इधरसला मेरा लंडपागल हुआ जारहा था,इसलिएमई बात रूममे गया औरपंत उतारकर मूठमरने लगा. मुझेनही टा थाकी सेक्स कीगोली का असरइतना होता है,लंड इतनागरम हो गयाथा की जलरहा था,मईअपने हाथ मेलंड लेके आँखबंद करके आंटीके बारे मेसोच रहा थाऔर दनादन मूठमारे जा रहाथा.तभी मुझेअपने पिच्चे कुच्छआहत सुनाई दी, मई चौंक गयाऔर पिच्चे पलटा,वाहा आंटीखरी थी, मईदर गया औरऔर अपने हाथोसे अपने लंडको च्छुपाने लगा.आंटी बोलीये सब क्याहो रहा है,
मईबोला .. कुच्छनही आंटी ,,

क्याकुच्छ नही?
मैनेबोला वो नींदनही रहीथी तो.
तोक्या?
नींदनही आअती तोयही करते हो?

मईशर्म मारेकुछ बोल नहीपा रहा था,और सिरझुका खराथा.और अपनेहरामी लंड कोहाथ मे छुउपनेकी कोशिश क्ररहा था.बीटीवो सला खराही था.नीचेजा ही नहीरहा था.

फिरआंटी ने पूछाकी …..और येक्या च्छूपा रहेहो.

मैनेबोला कू..कुच्छनही.

आंटीबोली वो तोमई देख रहीहू की येकुच्छ नही कितनाकुच्छ कह रहाहै.

फिरवो मेरे पासआई और मेराहाथ हटाया ,हाथहटते ही मेरालंड एकदम सेखरा हो गयाऔर आंटी सामने झूलने लगा.

आंटीदेख के चौंकगयी और बोलीबाप रे ,क्याहै ये.इटाख़तरक लंड,तभीये इतना पागलहो रहा है?

2 मिनिट तकउसने मेरे लंडको देखा,फिरखरी हो गयीऔर कहा कीसंभाल रखोइसे,इतना बेकाबूमत होने दो.और वोवाहा से चलीगयी .
उसकेजाते ही मैंजल्दी से अपनेरूम मे भगाऔर कपड़े पहेंलिए.बुत मेरालंड सला इतनाहरामी है कीइतना कुछ होने बाद भीखरा ही था,
फिरमैने सोचने लगाजब इतना कुछहो ही गयाहै तो क्यूना कुछ ट्राइकर ही लू?

मईआंटी रूमकी तरफ गयातो देखा वोलेती हुई थीआँख बंद करके.मई समझगया वो सोनेका नाटक कररही है.

फिरमई उसके पासआया और उसेगौर से देखनेलगा.उसकी सारीजाँघ के उपरथी और पेटसे भी हटीहुई थी,

उसकीनुकीली चुचि, गड्रई जंघेऔर सपाट पेटऔर नाभि देखके मेरा लंडऔर ताक़त मे रहा था.मे सोचरहा था कीएस रंडी मदारचोड़को अभी यहीपे कुटिया कीतरह छोड़ डूपेर क्या करता?मेरी नज़र उसकोबड़े गोल बूब्सऔर नंगी पेटप्र टिकी हुईथी. मे चूंचीतो साफ देखरहा था. पेरछूट देखने लिए तारप रहाथा. मे उसकेमादा सरीर कीगर्मी महसूस कररहा था .वोकामिनी मूज़े व्यगरा कीगोली खिला करखुद सोने कानाटक कर रहीथी.मई सोचरहा था कीएस रंडी कोयही मसल डूगंद फाड़ डूसाली कुटिया की.उसके सरीर कीगर्मी और मादासुगंध मूज़े महसूसहो रही थी.उसके मांसलचूतड़ और गंदकी गोलाई मूज़ेचुदाई के लिएमजबूर कर रहीथी मे उसकेरसीले होतो कोचूमने के लिएबेकरार हो रहाथा तभी उसनेआँके खोली औरकहा यहा क्याकर रहे हो?

फिरमैने सोचा यहीमौका है बोलदे जो बोलनाहै,मैने कहाआप तो सबजानती ही हो.

उसनेकहा क्या?

येसुनकर मैने झटसे अपना पंत उपर सेही लंड कोपकड़ के हिलाया.ये देखकर वो मेरेपास आई औरअपना एक हाथमेरे लंड पेररख दिया जिससे मेरे पूरेसरीर मे एककरेंट गयाऔर उसने कहाये क्या हे? मेने कहा अभीतो देखा थाना.

उसनेकहा कामीने,तूमुझे लाइन माररहा है.मूज़ेछोड़ने के लिएतेरा लंड खड़ाहुवा है.जनताभी है चुदाईकैसे होती हे?मूज़े छोड़ेगा ? मेजनता था कीवो नाटक कररही है. असलमे अब वोभी जान गयीथी की मेतैयार हू चुदाई लिए.उसनेमूज़े दबोच दियाऔर अपने होतमेरे होतो पेररख दिए मेभी उस सेचिपक के उसकेबूब्स दबाने लगा.उसकी जीभमेरे मूह मेथी और वोकिसी रंडी कीतरह मेरे होतोको खाए जारही थी मेभी उसके रसीलेहोतो को मूहमे भर केपूरा रेस्पॉन्स देरहा था.उसकेसरीर की गर्मीउसके मूह सेमेरे मूह मे रही थी.

मेभी चुदाई कीमाधोसी मे डूबरहा था.उसनेअपना एक हाथमेरे लंड पेररख दिया था.उसने मूज़ेबेड पे गिरादिया और मेरा शर्ट औरपंत निकल दिया.मेरा 7 इंच कालूंबा सा लंडअब उसके सामनेथा मैने भीउसकी निघट्य निकलदी अब हमदोनो नंगे बेडपे थे उसनेमूज़े फिर सेचूमना सुरू कियावो मेरे पासलेती थी औरमई उसकी कड़ेनिपल को दबोचके उसको औरगरम कर रहाथा.मेरा लंडउसके हाथ मेथा वो उसकोसहला रही थी.

मेरेदोनो हाथ उसकेबूब्स, कमर औरपीठ को सहलारहे थे.उसकामखमली बदन ऐसालग रहा थाकी जैसे मईकोई अप्सरा केसाथ हू फिरउसने मूज़े बेडपे लिटा दियाऔर मेरा लंडमूह मे भरलिया.वो जोरोसे उसको लॉलिपोपकी तरह चूसरही थी मानोजैसे कोई बच्चाकांडी चूस रहाहो मेरी हालतबिगड़ रही थीपर वो मंजीहुवी कुलटा रंडीथी वो जानतीथी की आजउसको मेरे लंडसे पहली बाररस निकलना हे,उसको कहागिरना हे,वोअच्छे से जानतीथी की वियाग्राका असर बहुतहोता हे.

फिरउसने अपनी छूटमेरे मूह पेररखड़ी मे झटसे उसको चाटनेलगा उसकी छूटएक पके आमजेसी रसीली थीजो बेतहाशा पानीछ्चोड़ रही थीजिस से साफपता चलता थाकी वो कितनीगरम हो चुकीहे.वो मेरेमूह पेर छूटरग़ाद रही थीजिस से मुझेसाँस लेने मेभी दिक्कत होरही थी पेरक्या करू मूज़ेछूट की गंगामे बहना भीतो था.उसकीछूट झील जेसीगहरी थी जितनाउंड़र जीभ दलके चूस्ता थाउतनी ही ज्यदागरम होकर पानीकी धार छोड़रही थी जितनीगहराई मे जाताथा उतनी रसीलीहो रही थी.ऐसा लगरहा था कीकितने सारे राजच्छूपे हुए हैइस गहरी झीलमे. मई अपनेचरम आनंद पेरथा.मेने कभीसोचा भी नहीथा की चुदाईमे इतना मज़ाआता होगा मेछूट के रसकी गंगा मेनहा रहा थासाथ मे हीमेरी एक उंगलीउसकी गंद केछेड़ को टटोलरही थी वोअपने दोनो भारीचूतड़ को आयेजपीछे कर केमूज़े गंद मेउंगली डालने कान्योता दे रहीथी और साथमे छूट कोमेरे मूह पेमार रही थी.रूम कामहॉल बड़ा कामुकहो चुका थाऐसा लग रहाथा की जानमजानम से बिछड़ेसाथी आज चुदाईके लिए मिलेहो.कोई एकदूसरे के किसीभी पार्ट कोछोड़ना नही चाहताथा.वो मेरेलंड को मूहमे भरे हुवीथी और साथमे मेरे दोनोबॉल्स को सहलारही थी,मईभी उसकी छूटको छत रहाथा और एकउंगली से उसकीगंद की चुदाईकर रहा था.

वोथोड़ी देर बादखड़ी हो गयीऔर नीचे लेटगयी और अपनेदोनो पैर फैलाकर मुझे चुदाईका न्योता देडियै, वो एकमंजी हुवी रखैललग रही थीजो की चुदाईको तरस रहीथी,साथ मेमई एक नयाखालदी था जिसनेकभी छूट मेलंड नही डालाथा.मई झटसे उसके उपेरचढ़ गया औरनिपल को चूसनेलगा उसने मूज़ेअपनी बहो मेभर लिया औरकहा सला तूतो बड़ा चालूनिकला अभी कितनातडपाएगा मुझे ??तू हीछोड़ेगा मेरी प्यासीछूट को याफिर तेरा बापआएगा मेरी चुदाईके वास्ते ??

वोअपने चूतड़ उच्छलउच्छल के मेरेलंड को अपनीछूट मे क़ैदकरने के लिएमारी जा रहीथी उसकी चिकनीछूट पेर एकभी बाल नहीथा छूट कापानी पूरी छूटके उपेर फैलाहुवा था पानीनीचे गंद केछेड़ से होकरबेड पेड़ पेगिर रहा थाउसने मेरा लंडपकड़ा और अपनीछूट पर रखदिया.एक हीझटके मे उसनेमुझे कमर सेपकड़ कर अपनीतरफ खींच लियाजिस से मेरालंड उसकी छूटमे समा गया.मुझे छूटकी चिकनाई मेडूबे मेरे लंडको उसकी छूटमे आयेज पीछेकरने मे कोईतकलीफ़ नही होरही थी क्यूकीछूट पहले सेही इतनी रसीलीथी और आंटीएक चुड़दकड़ रंडी. मेरा लंड उसकीछूट की गर्मीऔर दोनो छूटकी दीवारो सेगिरते पानी कोमहसूस कर रहाथा अब मईअपनी पूरे जोशसे उसकी चुदाईकर रहा थावो अपनी दोनोआँखे बंद करकेमेरी कमर सेमूज़े खींच रहीथी साथ मेअपने चूटर कोउपेर उछाल रहीथी जिस सेमेरा लंड भीछूट की उनगहराइयो मे जारहा था जहावो कभी नहीपचुंच पता.

वोचुदाई के नशेमे बड़बड़ा रहीथीऔर ज़ोरसे छोड़ मेरेराजा छोड़ मूज़े..फाड़ दे मेरीछूट ..कब सेकिसी नये कच्चेलंड की तलसमे थी .. फकमे.. छोड़ मूज़ेमधर्चोड़छोड़क्या तेरीमा ने कुछनही सिखायानिकल देअपना सारा पानीआजमेरी छूटमे बनडे.. मूज़ेतेरे बच्चे कीमाआ ….मे आजतेरी कुटिया हू….भोसड़ा बनडे मेरीछूट कााअ …..औरज़ोर से मईजाअ रही थीछोड़ मूज़े ….मईगयी गयी मैईईइझाड़ रही हू…… मेरी रफ़्तार भी तेजहो चुकी थी.मैने अपनी सारीताक़त उसकी चुदाईपे लगा दीथी.मेरी साँसेफूल रही थी.मई भी पसीनेसे लत पाठहो चुका था/ हम दोनो काजिस्म एक दूसरेमे समा गयाथे.

हमदो जिस्म एकजान बन चुकेथे और मेरेलंड मे भीकुछ हो रहाथा मेने कहामेरे लंड सेस्पर्म निकालने वाला हैक्या करू .वोजात से उच्छलीऔर कहा छोड़..मेरे शेर.. फाड़ दे मेरीछूट ..दलदे अपनासारा माल आजमेरी छूट मेकम ओंमेरी साँसेअब मेरे काबूसे बाहर होरही थी. वोमूज़े दबोच केचुदाई का असलीमज़ा ले र्हीथी .तभी वोझट से मुझसेचिपक गयी ..औरबोली मई गयीमई जा रहीहूछोड़ मुझे..


छोड़सालेकुत्ते मईझादीइईईई. उसके साथ मेरेलंड सेब्ी स्पर्मनिकल रहा था.. उसने मुझे अपनीऑर खींच लियाऔर कहा भारदेमेरी छूट कोआज मई फिरसे मा बनना चाहती हूफक मे, मईभी खाली होचुका था .वोभी अपनी छूटका पानी छ्चोड़चुकी थी .मईउसके उपेर हीसो गया वोमुझसे चिपक गयीथी .मेरा लंडसिकुड रहा था. वो अभी भीउसकी छूट मेही था. छूटमेरे लंड कोखा जाना चाहतीथी .उसकी छूटसे मेरे पानीके साथ उसकेपानी की धाराबह रही थी.मे ऐसे हीसो गया जबउठा तो देखाकी आंटी रंडीफ्रेश हो चुकीथी और दोपहरका खाना बनाचुकी थी. औरसाथ मे दूसरेरौंद की तैयारीभी कर चुकीथी. उस चुदाईकी कहानी मईअगली कहानी मेसुनौँगा की कैसेमैने उसकी गंदको छोड़ छोड़कर गुब्बारा बनादिया.

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