Monday, 14 July 2014

पूनम भाभी ने जन्नत के सेर कराई

हीफ्रेंड्स मैं अजय25 साल का छोराआगरा से. तोस्टोरी है जोधपुरकी जहा मैंस्टडीस के लिएगया था मेरेचहका वाहा जॉबकरते थे मैंउनके साथ वहीरहता था मेरेजो मकान केमलिक थे उनकानाम श्याम जीथा वो आर्मीरिटाइर्ड थे उनकीएक पत्नी थीजो अक्सर बीमाररहती थी औरएक लड़का थाजो की दुबईमें जॉब करताथा विनय औरउनकी बहू जिसकानाम पूनम थाजो की बहुतसुंदर थी जोकी मेरी स्टोरीकी हेरोईएनए हैवो बहुत सीधीदिखती थी ,उसकोतो मैं देखतेही पागल होगया था वोउमर में 29 कीहोगी चेरा तोबस डेक्ते हीरहो आँखे नशीलीहोत एक दूंमोटे मोटे रसीलेऔर उनके होतके उपर तिलथा देखते हीलगता था बसकिस कर डूशरीर भरा हुआथा ना ज़्यादामोटी ना पतलीबूब्स तो उनकेब्लाउस से बाहरझकते थे औरगांद सॅडी मेंऐसे लगती थीजैसे तो तरबप्प्ज़हो पीछे.

शुरूके दो महीनेऐसे ही गुज़रेऔर एक दिनचाचा जी बोलेमेरे जॉब ऑफरआया हैउ पुणेसे कल हीनिकलना है बेटातू अकेले रहलेगा मैने कहाचाचा स्टडीस हैरहना तो पड़ेगाऔर वो दूसरेदिन पूना केलिए निकल गयेजाते त्यम लॅंडलॉर्डसे इसका आपख़याल रखना चाचावाहा काफ़ी त्यमसे रहते थेकिराए पे तोश्याम जी नेकहा ये हुमरेबेटे जैसे आपजाओ वो लोगमुझे बहुत प्यारकरते थे. भाभीभी वही खड़ीथी और मुझसेबोली तुम टेन्षनमत लो हमतुम्हारा ख़याल रखेंगे मैनेकहा आप लोगचिंता मत करोमैं बच्चा नहीहू भाभी बोलीवो तो दिखताहै और एकअजीब से हसीथी उनके चेरेपे.

अबमैं भाभी सेखूब बात चीतकरता था जबवो टेरेस पेआती थी मेरारूम वही थाघंटो हम शाममें बात करतेऔर श्याँजी औरउनके पत्नी मुझेबच्चा ही समझतेथे तो उन्हेकोई प्राब्लम नहीथी एक दिनभाभी मेरे रूममें आई उन्होनेडाल बाटी बनाईथी वो देनेमुझसे बोली येखलो और मैंखाने लगा तोवो मेरे कमरेमें इधर उधरदेखने लगी बोलीये कमरे कीहालत कर रखीहै चलो तुमख़ाके कही जाओघूमने मैं सॉफकर देती मैनेकहा चलो करदोमैं खा केनिकाला गया घूमनेरास्ते में यादआया मेरे कमरेमें सेक्स मॅगज़ीन्सथी जिसमे न्यूडपिक्स थे अबमैं दर्र गयावो मेरे कपड़ोके नीचे पड़ीथी मैं भागके गया तोदेखा कमरा सॉफथा और भाभीनीचे चली गयीथी मैने मॅगज़ीन्सढूडी तो नहीमिली मैं समझगया भाभी कोमिल गयी मैंदर्र गया कहीवो श्याम जीसे कुछ नाबोल दे दूसरेदिन सुबह मैंसो रहा थाभाभी छाई लेकेआई मैं जागरहा था परलेता था हल्कीआँख बंद करकेमैने देखा भाभीचुपचाप वो मॅगज़ीन्सवही रख रहीथी और रखनेके बाद बोलीअजय जाग जाओछाई पी लोमैं समझ गयाभाभी ये पड़नेके लिए लेगयी थी

मैंजाग के छाईपी रहा थाभाभी अपनी छाईभी लाई थीमैने कहा वाहआज मेरे साथछाई भाभी बोलीससुर जी औरसासू मा सुबहही गये हैमैं पूछा कहाँतो वो बोलीमेडिसिन्स लेने सासूमा को मेडिसिन्सलेने जाना पड़ताहै भरतपुर वाहाएक वेद हैवो दो टीनदिन बाद आएँगेवाहा हुमरे रिलेटिव्सरहते मैने कहा फिर छाईपीने के बादहम बेटी करतेरहे वो मुझेबड़ी अजीब सेनज़र से देखरही थी फिरएकद्ूम से बोलीकल सफाई करतेत्यम मुझे कुछमिला मैने अंजानबनते हुए कहाक्या बोली तुमइट्न गंदीमॅगज़ीन्स पड़ते हो मैनेकहा नही मेरेफ्र्न्स की हैमैं तो ऐसेदेखने लाए थावो बोली क्यूँमैने कहा अबमेरी आगे हैमुझे मॅन करताहै देखने कामैं सॉफ बोलरहा था बिनाडरे क्यूंकी भाभीकी चोरी भीमैने पकड़ लीथी ,वो बोली और हस्सके जेनी लगीऔर बोली सुनोएक रेज़र लादोगो मैने कहाआप क्या करोगीतो हड़बड़के बोलीससुर जी बोलगये थे मैनेकहा वो दोदिन बाद आएँगेआराम से लादूँगा वो बोलीला दो अभीप्लस्सस तुम फिरभूल गया यामैं तो वोनाराज़ होंगे मैने कहा और उन्हेरेज़र लेक देदिया ,

दिनका त्यम थामेरे रूम मेंटीवी नही थी. मैं भाभीघर की सफाईकर र्णीचे गयातो देख लूवो बोली हनतुम टीवी देखोमैं नहाने जारही हू सफाईमें दिन निकलगया मुझे नहीपता था येदिन मेरी ज़िंदगीका सबसे अच्छादिन साबित होनेवाला है भाभीकाफ़ी देर सेअंदर थी मैंटीवी देख रहाथा एक दूंसे चिल्लाने कीआवाज़ आई भाभीचिल्ला रही थीमैं भाग केगया डोर

नॉककिया भाभी रोरही थी मैनेकहा क्या हुआबोली कुछ नहीमैने फिर पूछावो लगातार रोरही थी मैनेदरवाज़ा धक्का मारा औरकुण्डी मज़बूत ना होनेकी वजह सेखुल गयी आंद्रका नज़ारा अजीबथा भाभी नीचेगिरी थी पूरीनंगी और उनकेटाँग के पाससे खून रहा था मैंउन्हे उठा केरूम में लेगया बेड पेलेता दिया भाभीअपने बूब्स कोअपने हाथ सेकवर कर रहीथी और टाँगोको खोल नहीरही थी मैनेकहा क्या हुआये तो भाभीबोली मैं शेवकर रही थीकाट गया मैनेखा इतना खूनदिखाओ और मैनेज़बरदस्ती भाभी कीटाँग खोल दीबभी आँख बंदकरके और अपनेबूब्स को हाथसे कवर करलेती थी मैंकूटों और पानीसे खून सॉफकिया देख उनकीछूट के पासकट गया थाभाभी अभी भीरो रही थीबहुत दर्द होरहा मैं उनकीछूट को सॉफकर रहा था

भाभीथोड़ी देर मेंसिसकी भी लेतीऔर रोटी जारही मेरे दिमाग़में आइडिया आयाअब खून रुकचुका था मैंउनकी क्लीन शेवछूट के पासमूह ले जाकेउसे चाटने लगाभाभी ने विरोधनही किया अबमैं ज़ोर ज़ोरसे चाट रहाथा ओईर भाभीका रोना आंड हो गयाऔर पूरे कमरेमें उम्म्म्मआआअहह उम्म्म्ममम सस्स्शहऐसे आवाज़े रही थी भाभीअब मस्त होचुकी थी औरअपने बू मसलरही थी मैंउनकी गांद केनीचे हाथ लेजाके उनकी गांदमसल रहा थाऔर उनकी छूटको चूस रहाथा वो मेरेसर को दबारही थी अपनीछूट पे अबमैं उपर गयाऔर उन्हे चूमनेलगा और उनकेनंगे बूब्स कोदबाने लगा वोमुझसे चिपकी थीअब मैं उठाऔर मैने अपनेसारे कपड़े उतारदिए भाभी मेरालंड देख रहीथी अब फिरसे हम लेटगये और किसकरने लगे भाभीशर्मा रही थीमैने उनका हाथअपने लंड पेरख दिया वोऐसे हाथ रखीरही मैने अपनेहाथ से उनकाहाथ अपने लंडपे फेरने लगावो धीरे धीरेहाथ फेरने लगी


मैंने अब उनकाएक बूब मूहमें ले लियाऔर चूसने लगाऔर काटने लगावो पागल होगयी और मेरेलंड पे तेज़तेज़ हाथ फेरनेलगी अब मैंउठा और उनकेहोतो पे लंडको टच करनेलगा वो एकदूं पागल होचुकी थी वोउसे पागलो कीतरह चूसने लगीऔर एक दूंसे बोली अबमुझे छोड़ दोइतने दिन सेप्यासी हू मैनेबिना रुके उनकीछूट के पासजाके अपना लंडअख दिया औरउसे छूट पेरगड़ने लगा औरवो बोली परेशानमत करो मैंमॅर रही हूऔर मैं एक झटके मेंलॅंड डाल दियाऔर आगे पीछेकरता रहा औरउन्हे खूब छोड़ाऔर उनकी छूटमें झाड़ गयावो एकद्ूम सेबेजान सी बेडपर फेल गयीऔर मैं उनकेउपर था हमदोनो ऐसे हीपूरे दिन नंगेलेते रहे औरउस दिन हुने5 बार चुदाई कीमैं तो कसमसे दूसरे दिनसछमे जन्नत कीसेर कर ली. कैसे लगी मेरीस्टोरी.

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