Tuesday, 24 June 2014

मेरी प्यासी औंती की चुदाई उसके बेड पे....

ही फ्रेंड्स माइसेल्फ आकाश. ई आम फ्रॉम देल्ही.. ई उसेड तो दो जॉब इन देल्ही. ई आम 25 एअर एज्ड वित मस्क्युलर बॉडी. ई उसेड तो गो तो जिम.. तीस स्टोरी इस अबौट मी मकान मालकिन. ये मेरी चाची की फ्रेंड है. इसलिए मैं इन्हे चाची और आंटी दोनो कहके बुलाता हू.. मैं इनके यहा रेंट पे रहता हू..

मेरी आंटी 42 साल की है पर वो दिखने इतनी हॉट है की ज्वानो के भी लंड खड़े हो हटे हैं.. उसका फिगर है.. 38-32-42.. नाउ ई टेल योउ स्टोरी हाउ इट बिगन.. हाउ ई बिकम आ आंटी फकर.. आस ई टोल्ड योउ फ्रेंड्स तट ई दो जॉब इन देल्ही. मी चाची मेड अरेंज्मेंट्स फॉर मी स्टे इन देल्ही आस शी वाज़ फ्रेंड ऑफ मी मकान मालकिन.. ई केम हियर 6 मंत्स अगो.. वेन ई रीच हियर मी मकान मालकिन मीन्स आंटी आंड हेर डॉटर विच इस 22 एअर ओल्ड रिसीव्ड मे फ्रॉम देल्ही रेलवे स्टेशन.. आंटी हद गिवन मे थे रूम विच वाज़ जस्ट अपॉन हेर बेडरूम. आंटीस हज़्बेंड इस इन आर्मी सो हे कम्ज़ ओन्ली वन्स इन आ एअर.. औंतयस डॉटर नामे इस बबिता.. शी इस आन इंजिनियर. आंटी इस आ स्कूल टीचर. बोत गो फॉर वर्क इन थे मॉर्निंग अट 8. आंटी कम्ज़ बॅक फ्रॉम जॉब अट 2. बुत बबिता कम्ज़ इन नाइट अराउंड 8. वन दे ई वाज़ इन मी रूम ई वाज़ वाचिंग ब्फ ओं मी लॅपटॉप आंड जर्किंग हार्ड मी कॉक, मी आंटी केम तो मी रूम. शी जस्ट स्टॉप्ड अट थे डोर आंड कीप्स वाचिंग मे डूयिंग मास्टरबेशन. आफ्टर सम टाइम शी स्लोली वेंट आउटसाइड आंड रिंग थे बेल ऑफ मी रूम. ई सडन्ली गॉट स्टॉप. ई इमीडीयेट्ली पुट ओं मी लोवर आंड वेंट आउटसाइड. मी आंट वाज़ तेरे. शी वाज़ स्माइलिंग. बुत ई वाज़ अनवेर ऑफ तट शी हद सीन मे डूयिंग मास्टरबेशन. शी आस्क्ड मे अबौट

मी वेलबीयिंग आंड वेदर ई आम कंफर्टबल ओर नोट. शी टोल्ड मे नोट तो हेज़िटेट फॉर एनितिंग आस शी वाज़ मी चाची फ्रेंड. आफ्टर सम डेज़ ई वेंट डाउन तो मीट आंटी. मैने बेल बजाई पर कोई रेस्पॉन्स नही मिला तो मैं अंदर चला गया. मैं औंती मे बेडरूम की और बढ़ा क्यू की किसी की हल्की हल्की मोनिंग की आवाज़ आ रही थी. मैं दरवाज़े पे से जो देखा मैं तो हैरान रह गया. आंटी बेड पे नंगी लेती हुई थी और अपनी छूट मे दो उंगलिया डाल के मूठ मार रही थी. औंती को ऐसे देख कर मेरा लंड टन गया. औंती के मोटे चुतदो को देख कर मेरे टटटे भारी होने लग गये. मैने अपना लंड बाहर निकाला और मूठ मरने लगा. तभी बाहर

मैं गाते पे किसी के आने के आवाज़ सुनाई दी. मैने फॉरन अपने कपड़े ठीक किए और उपर अपने कमरे की तरफ भगा. नीचे देखा तो पता चला आज बबिता घर जल्दी आ गयी थी. कुछ दिन ऐसे ही बीट गये. एक दिन बबिता को अपनी फ्रेंड की शादी मे जाना था. तो वो ऑफीस से जल्दी घर आई और अपनी सहेली के घर चली गयी. बबिता 2 दीनो तक वही रहने वाली थी. शाम को मैं कुछ काम कर रहा था तभी नीचे से आंटी की ऑàज़् आई. मैं नीचे गया. आंट बुक के उसके सिर मे जोरो का दर्द हो रहा है और उसने मुझे सर दबाने को कहा. मैने उनका सिर दबाया तो उन्हे थोड़ी रहट मिली. औंती ने मुजसे मेरी जॉब मे बारे मे पूछा और यहा वाहा की बात चलने लगी. औंती छाई बनके मे आई. और हुँने खूब बाते की. आंटी काफ़ी फ्रॅंक थी और खुस मिज़ाज़ भी थी. फिर मुझे कुछ काम याद आया और मैं मार्केट के तरफ चला गया. मैं वापिस रात को 9 बजे आया. तभी मुझे औंती बे बुला लिया. औंती ने मुझे डिन्नर के लिए बुलाया था. औंती बोली की आज रात बबिता नही आयगी इसलिए तुम यही सो जाना. मैने कहा ठीक है. मैने टीवी ओं किया और मोविए देखने लगा. तभी औंती विस्की के पेग बनाने लगी और मुझसे भी पूछा. मैं ना करने लगा पर आंटी 2 पेग बना ही लाई. औंती बोली आजकल सभी पीते हैं. फिर औंती ने पीने को कहा और हुँने चियर्स किया. और पीने लगे. 3 पेग के बाद मूज़े नशा होने लगा. औंती निघट्य पहने हुए काम देवी लग रही थी. मेरा लंड खड़ा होने लगा. तभी औंती मेरे बगल मे आकर बेत गयी और मेरे थाइस पर हाथ फेरने लगी. पर मैं मच करने की हिम्मत नही कर पा रहा था शायद औंती ये समझ गयी और खाना लाने चली गयी. हुँने खाना खाया और सोने चले गये. औंती ने मुझे चेंज करने के लिए लोवर दिया. औंती ने मुझे अपने साथ सोने के लिए कहा. औंती भी ब्रा और पनटी उतार कर आई. उसने केवल निघट्य पहनी हुई थी. हम दोनो एक ही बेड पे लेट गये. पर नींद दोनो को नही आ रही थी. थोड़ी देर बाद मे सो गया. रात को मुझे अपने लंड पे कुछ चिपचिपा सा लगा. मैने आइज़ ओपन की तो देखा आंटी मेरा लोवर नीचे करके मेरे लंड को चूस रही थी.


मैं सोने का नाटक करने लगा. पर औंती बहुत आचे से पेनिस सक कर रही थी. थोड़ी देर बाद मेरा कम निकल गया. आंटी ने मेरा सारा कम पी लिया और पेनिस को चाटने लगी. थोड़ी डियर बाद आंटी से रहा नही गया और उसने अपनी निघट्य उतार दी. और ज़ोर-ज़ोर से मेरा लंड हिलने लगी. मैं बेचैन होने लगा. आंटी ने मेरा लोवर उतार फेंका और मेरी थाइस चाटने लगी. और फिर मेरे टेस्टिकल्स को अपने मूह मे भर लिया और पागलो की तरह चूसने लगी. मुझसे रहा नही गया. मैं उठ के बेत गया. आंटी मेरी और देखने लगी. मैने औंती को कमर पर से पकड़ा और उनके उपर चढ़ गया. मैने उनकी दोनो टाँगे फैलाई और उनकी छूट चाटने लगा. उनकी छूट मे से भीनी- भीनी खुसबु आस रही थी मैने अपनी पूरी जीभ उनकी छूट मे डाल दी और उनकी छूट को छत छत के लाल कर दिया. वो ज़ोर ज़ोर से आहे भरे जा रही थी और मेरे सर को ज़ोर से अपनी छूट पर दबा रही थी. अब तक उनकी छूट 2 बार पानी छोड़ चुकी थी. वो बोली आन नही दबा जाता आकाश.. फाड़ से मेरी छूट.. डाल दे अपना लंड.. मैं उठा और लंड को उनकी छूट मे मूह पे रखा और एक ही झटके मे पूरा लंड उनकी छूट मे उतार दिया. उनकी चीकी निकल गयी और आँखो से आसू निकल आए. वो दर्द के मारे रोने लगी. पर थोड़ी देर मे वो शांत हो गयी और मज़े से चूड़ने लगी. मैने उन्हे डॉगी स्टाइल और कई पोज़िशन मे पूरी रात 5 बार छोड़ा. वो हमेशा प्यासी रहती थी क्यूकी उनके हज़्बेंड आर्मी मे रहते हैं.

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